फोन फोन फोन, वक्त बे वक्त फोन , फोन हर वक्त साथ रहता है! अब तो इन्सान भगवान् इसे कहता है! फोन से ही रिस्ते नाते निभाए जाते है, फोन से ही अब केश सुलझाए जाते है! फोन है तो मान है फोन से ही सम्मान है! फोन नही तो दुनिया अधूरी है! फोन तो अब इन्सान की मजबूरी है! फोन से अब हैसियत दिखाई जाती है! फोन से ही गरीब की औकात बताई जाती है! फोन महंगा है तो शान है सस्ता है तो गरीब की पहचान है! फोन दिल दिमाग का दुश्मन है! क्योंकि इसमे होता बहोत रेडियेशन है! फोन मंत्री है फोन संतरी है ! ये इन्सान के गले मे टंगी हुई घंटी है! जो दिन भर बजती है! दुनिया अब इसका कुछ नही कर सकती है! फोन ही अब दोस्त , फोन ही अब भाई है हर युवा की जान अब इस फोन मे समाई है! फोन अब सौतन है ये बात हर BV ने बताई है! और आखिरी पंक्तिया निवेदन करता हूॅ हाथ मे है फोन तो भूख नही लगती है प्यास नही लगती है ! दोस्तो की अच्छी अब बात नही लगती है! फोन फोन फोन वक्त बे वक्त फोन बजता है! तुम मेरे बिना रह नही सकते यही बार-बार कहता है! यही बार-बार कहता है! ©ARVIND YADAV 1717 #addiction #Phone #MOBILE #nojohindi #Shayari #kavita #poem #ARVINDYADAV1717