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मैंने उठा पत्थर, उसे ख़ुदा बना दिया, फिर यूँ किय

मैंने उठा  पत्थर, उसे ख़ुदा  बना दिया,
फिर यूँ किया कि एक घर  जला दिया।

ख़ुदा की मैंने और जन्नत की खोज की,
ग़ैर मज़हब का मैंने सफ़ीना डुबा दिया।

फूलों  को कुचला, वो  बाग़  जला दिया,
रहमो करम पे मैंने फिर पर्दा गिरा दिया।

है अरमान-ए-दिल  कि  आसमां ये बाँटें,
परिंदों  को  मैंने है  मज़हब सिखा दिया।

धुआँ  ही  धुआँ, हैं  ये  रंजिश का धुआँ, 
हर शहर, हर मकां है  ज़हर फैला दिया।

'शुभी' क्या  कहें  कि  क्या  नहीं  किया,
बुग़्ज़-ओ-हसद में मैंने मुल्क भुला दिया। बुग़्ज़-ओ-हसद- grudge

जो मज़हब से पहले हम मुल्क का सोच लेते तो शायद देश के हालात कुछ और होते।

Avinash bhai yad karne ke liye shukriya.... Aasha hai pasand aayega aapko... 🙂🙂

Ankita Tripathi shukriya call kar ke phir se likhne ke liye uksaya... Lo kuch kuch likha hai.... 🙈
मैंने उठा  पत्थर, उसे ख़ुदा  बना दिया,
फिर यूँ किया कि एक घर  जला दिया।

ख़ुदा की मैंने और जन्नत की खोज की,
ग़ैर मज़हब का मैंने सफ़ीना डुबा दिया।

फूलों  को कुचला, वो  बाग़  जला दिया,
रहमो करम पे मैंने फिर पर्दा गिरा दिया।

है अरमान-ए-दिल  कि  आसमां ये बाँटें,
परिंदों  को  मैंने है  मज़हब सिखा दिया।

धुआँ  ही  धुआँ, हैं  ये  रंजिश का धुआँ, 
हर शहर, हर मकां है  ज़हर फैला दिया।

'शुभी' क्या  कहें  कि  क्या  नहीं  किया,
बुग़्ज़-ओ-हसद में मैंने मुल्क भुला दिया। बुग़्ज़-ओ-हसद- grudge

जो मज़हब से पहले हम मुल्क का सोच लेते तो शायद देश के हालात कुछ और होते।

Avinash bhai yad karne ke liye shukriya.... Aasha hai pasand aayega aapko... 🙂🙂

Ankita Tripathi shukriya call kar ke phir se likhne ke liye uksaya... Lo kuch kuch likha hai.... 🙈
nojotouser1472989357

शुभी

New Creator

बुग़्ज़-ओ-हसद- grudge जो मज़हब से पहले हम मुल्क का सोच लेते तो शायद देश के हालात कुछ और होते। Avinash bhai yad karne ke liye shukriya.... Aasha hai pasand aayega aapko... 🙂🙂 Ankita Tripathi shukriya call kar ke phir se likhne ke liye uksaya... Lo kuch kuch likha hai.... 🙈 #India #ghazal #Country #yqbaba #Dimri #riseabovereligion #ग़ज़ल