ये सुनी राहें कुछ याद दिलाती है।। मौत का डर इंसानों को कितना डराती है।। मत डर ये इंसान तुझे तृप्ति पाना ही है।। लाख रोकले मृत्यु अटल है इससे तो एक दिन आना ही है।। मौत का डर