अपने हिस्सों की खुशियां तो, खो चुके थे हम, जब वो तराने वो फसाने साथ, ले जा रहे थे वो। मुस्कुराने की सलाह देने वाले भूल गए शायद, के हंसने की वो वज़ह वो बहाने साथ, ले जा रहे थे वो। रोकना बोहोत चाहा उन्हें, इश्क की दुहाइयां देकर, पर आखिर चले ही गए वो, हज़ारों रुसवाईयां देकर। जब निकाल रहे थे कांटे टहनींयों से, हिफाज़त करने उनकी, चुप चुप कर पत्तियां, उस गुलाब की ले जा रहे थे वो। हमें छोड़ बर्बादियों के मंज़र में, चले जा रहे थे वो, के हंसने की वो वज़ह वो बहाने साथ, ले जा रहे थे वो। #shaayavita #woh #chalegaye #jaa_rahe #nojoto