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संध्या में इक नई सुबह खोजते है, हम लौटते परिंदों म

संध्या में इक नई सुबह खोजते है,
हम लौटते परिंदों में तुम्हारी राह देखते है। किसी शाम लौट आओ ज़िन्दगी की सुबह करने। #nohashtags
संध्या में इक नई सुबह खोजते है,
हम लौटते परिंदों में तुम्हारी राह देखते है। किसी शाम लौट आओ ज़िन्दगी की सुबह करने। #nohashtags
itzzrajatt9983

Itzz Rajatt

New Creator

किसी शाम लौट आओ ज़िन्दगी की सुबह करने। #nohashtags