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भारत जब स्वतंत्र हुआ तब हमारे पास अपना कोई संप्रभु

भारत जब स्वतंत्र हुआ तब हमारे पास अपना कोई संप्रभु सविधान नहीं था गणतंत्र दिवस इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है कि आज ही के दिन हमारा संविधान लागू हुआ था भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा स्थल एक संविधान है मैं इस मानव अधिकार और कर्तव्य का वैश्विक दस्तावेज मानता हूं मानव अधिकारों की सुरक्षा से विश्वास नहीं व्यवस्था कहीं पर तो भारतीय संविधान में है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कभी कहा था कि कर्तव्य के हिमालय से अधिकारों की मांग गंगा बहती है गणपत तंत्र से इस पूर्व आज भारतीय संविधान को इस दृष्टि से देखें और समझे जाने की जरूरत है संविधान आजादी की मर्यादा है पूरा देश इस समय आजादी का महत्व मना रहा है गणतंत्र दिवस के महत्व के संदर्भ में गहराई से विचार करने की जरूरत है इसलिए कि पहली बार देश में ऐसा हुआ है जब हमारे स्वाधीनता सेनानियों की स्मृतियों को जीवांश रखें आजादी के आंदोलन से जुड़ी घटनाओं को आलोक में देश के संत कृति और लोगों के शानदार इतिहास के अनुरूप रखना और पूर्व दर्श में विधित स्त्रियों मनाया जा रहा है विचार करें सूर्य से हम सभी आलोकित होते हैं और सूर्य का यह प्रकाशन ही चंद्रमा में चांदनी बांधकर धरती पर प्रतिबंध होता है चंद्रमा अमृतांशु है अमृत कारणों वाला इसके कारण कभी मिटती नहीं है अमृता तत्वों से औरत पुत्र होने के कारण ये शिक्षण है वोट पुत्र होने के कारण यह भारतीय संस्कृति को भी इस तरह के आर्थिक समानता है इकबाल ने इसे इन सभी शब्दों में व्यक्त किया है यूनानी मित्र रूम सब मिट गए जहां से कुछ बातें हैं हस्ती मिटती नहीं हमारी सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा

©Ek villain # आत्मनिर्भरता का संदेश देने वाला भारत

#RepublicDay
भारत जब स्वतंत्र हुआ तब हमारे पास अपना कोई संप्रभु सविधान नहीं था गणतंत्र दिवस इसलिए बहुत महत्वपूर्ण है कि आज ही के दिन हमारा संविधान लागू हुआ था भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा स्थल एक संविधान है मैं इस मानव अधिकार और कर्तव्य का वैश्विक दस्तावेज मानता हूं मानव अधिकारों की सुरक्षा से विश्वास नहीं व्यवस्था कहीं पर तो भारतीय संविधान में है राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कभी कहा था कि कर्तव्य के हिमालय से अधिकारों की मांग गंगा बहती है गणपत तंत्र से इस पूर्व आज भारतीय संविधान को इस दृष्टि से देखें और समझे जाने की जरूरत है संविधान आजादी की मर्यादा है पूरा देश इस समय आजादी का महत्व मना रहा है गणतंत्र दिवस के महत्व के संदर्भ में गहराई से विचार करने की जरूरत है इसलिए कि पहली बार देश में ऐसा हुआ है जब हमारे स्वाधीनता सेनानियों की स्मृतियों को जीवांश रखें आजादी के आंदोलन से जुड़ी घटनाओं को आलोक में देश के संत कृति और लोगों के शानदार इतिहास के अनुरूप रखना और पूर्व दर्श में विधित स्त्रियों मनाया जा रहा है विचार करें सूर्य से हम सभी आलोकित होते हैं और सूर्य का यह प्रकाशन ही चंद्रमा में चांदनी बांधकर धरती पर प्रतिबंध होता है चंद्रमा अमृतांशु है अमृत कारणों वाला इसके कारण कभी मिटती नहीं है अमृता तत्वों से औरत पुत्र होने के कारण ये शिक्षण है वोट पुत्र होने के कारण यह भारतीय संस्कृति को भी इस तरह के आर्थिक समानता है इकबाल ने इसे इन सभी शब्दों में व्यक्त किया है यूनानी मित्र रूम सब मिट गए जहां से कुछ बातें हैं हस्ती मिटती नहीं हमारी सारे जहां से अच्छा हिंदुस्ता हमारा

©Ek villain # आत्मनिर्भरता का संदेश देने वाला भारत

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Ek villain

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