रहम-ओ-करम है इश्क़ के ऐसे, कि कोई खुशी रास आती नहीं। दिल बेज़ार है कितना आजकल, कि इक ख़लिश जाती नहीं। मिलती नहीं मुरौवत यहाँ, कभी इश्क़ के बाजार में। और वो कहते है हमसे, क्यूँ तुम मिलने आती नहीं। इक ख़लिश जाती नहीं, क्यूँ ख़ुशी रास आती नहीं। #ख़लिश #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #मेरी_ख्वाहिश #इश्क़ #खुशी Collaborating with YourQuote Didi