Nojoto: Largest Storytelling Platform

बुढ़ापा «»«»«»« जब मैं जवान था तो मेरा अलग मक़ाम था

बुढ़ापा
«»«»«»«
जब मैं जवान था तो मेरा अलग मक़ाम था
शरीर मे ताकत और दिल खुशहाल था
आज अकेले पन मेरा साथी हैं वो सब चले
गऐ जिन पर मुझे एतबार था कुछ मर गऐ कुछ
पीछा छुड़वा गए ऐसा बुढ़ापे मे, बुड्ढ़ो का ऐसा ही 
हालचाल था,हैं,और रहेगा, इस सच से सभी
वाकिफ हैं क्यो कि बुढ़ापा श्राप हैं 
और जो देखभाल कर रहा ये सोच कि कब मरेगा,क्या दे 
जाएगा जायजात,दोस्त बुढ़ापा हर किसी को आएगा!!
जब मैं जवान था मेरा अलग मुकाम था 🤔

©पूजा उदेशी
  #budapa #POOJAUDESHI