दो फिल्मी संवाद, जो मुझे अच्छे लगे! "बच्चे तो पानी की तरह होते हैं, जिधर सीधा रास्ता देखा उधर ही मुड गए!" फ़िल्म का नाम याद नहीं, मिथुन चक्रवर्ती, जिसमें नायक थे! "किसी की काबिलियत पर बेवजह शक करना, अपने ओछेपन का सबूत देना है!" फ़िल्म आशिकी, राहुल राय और अनु अग्रवाल! दोनों संवाद मुझे बहुत पसंद है याद भी रह गए, आप सभी के साथ साझा करना चाहूँगी, शायद आपको भी पसंद आए!! #फ़िल्मी संवाद #08. 05.20