#RIPPriyankaReddy मदद करने की आड़ में मेरी रूह को भी अपनी मां की दामन मे सर रख कर आह करने का मौका ना दिया मैं कमजोर थी तुम्हारे सामने लाचार किस्मत से लिपटे मेरे तन पर कपड़ों को भी ना रहने दिया अपनी हवस की भूख तो मिटाई तुमने मुझे तड़पति चीख में सुनकर उसके बाद लौ की रोशनी तक में मुझे फूंक दिया फिर भी मुझे अपनी मां के दामन मे सर रख कर आह करने का मौका तक नहीं दिया.. जानवर से भी बदतर सोच के इन इंसानों ने आज अपनी ही मां के उस नौ महीने के दर्द से खुद की शक्ल में जन्मे उस बच्चे को खाक कर दिया पर उस बेचारी मां का क्या दोष था जिसकी बेटी की जिस्म को अपने दरिंदगी में घसीटा फिर भी मन ना भरा जो बिना श्मशान के जलाकर राख कर दिया रोहित तिवारी ।