शेरों में वो शेर आना अभी बाकी है जितना भी लिखा खूबसूरती पर तुम्हारी वो तो महज झांकी है दिन रात बस यही सोंचा करते हैं तुम्हारी खूबसूरती का ओहदा इतना ऊंचा है उस मर्तबे की तारीफ हमने अभी कहां की है ओहदा-स्थान,मर्तबा-लेवेल आयुष कुमार गौतम शेरों में अभी वो शेर आना बाकी है......