इक रंग मोहब्बत का है बस जो हर रिश्ते पर चढ़ निखर उठता है अपना-पराया सब मिट जाता है फिर चारों तरफ़ प्रेम का गुबार उठता है इक रंग मोहब्बत का है बस जो तुझे मुझमें,मुझे तुझमें बसाता है दूर रहें हम कितना ही फ़िर नज़दीकियाँ ख़्वाबों में ले ही आता है इक रंग मोहब्बत का है बस जो बरबस ही मुस्कान बिखराता है लाख छिपाना चाहें ख़ुशी मन की सब बिन कहे मोहब्बत का राज़ खोल जाता है इक रंग मोहब्बत का है बस जो सब रंगों पर चढ़ छा जाता है बचना चाहें इस रंग से कितना ही सब अपना रंग छोड़ ही जाता है..!! Mनिर्झरा🌹🌹 इक रंग मोहब्बत का इक रंग इबादत का... #रंगमोहब्बतका #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi