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समय चल रहा था मेरे साथ एक अनजान मुसाफिर की तरह बता

समय चल रहा था मेरे साथ एक अनजान मुसाफिर की तरह
बता रहा था मुझको अपने सफर की दुश्वारियां
हो गया था विचलित अपने ही अस्तित्व से
कर रहा है सफर बिना किसी विराम के 
थक गया है लोगों के आक्षेप सुनते हुए
हो चला हैं कठोर अपने हृदय से
समय एक अनजान मुसाफिर 
भटकता रहता है मंजिल की तलाश में सुप्रभात लेखकों।
"हिन्दी हैं हम " के प्रतिस्पर्धियों के लिए Pen n Popcorn लेकर आया है अपना प्रथम चैलेंज - "समय का मानवीकरण " ।
इस चैलेंज में आपको मानवीकरण अलंकार का प्रयोग करते हुए "समय " पर कविता लिखनी है ।
जब प्राकृतिक वस्तुओं जैसे पेड़,पौधे बादल आदि में मानवीय भावनाओं का वर्णन हो यानी निर्जीव चीज़ों में सजीव होना दर्शाया जाए तब वहां मानवीकरण अलंकार आता है। 

हमारा उदाहरण - 
निकला जा रहा है 
हाथों से ऐसे,
समय चल रहा था मेरे साथ एक अनजान मुसाफिर की तरह
बता रहा था मुझको अपने सफर की दुश्वारियां
हो गया था विचलित अपने ही अस्तित्व से
कर रहा है सफर बिना किसी विराम के 
थक गया है लोगों के आक्षेप सुनते हुए
हो चला हैं कठोर अपने हृदय से
समय एक अनजान मुसाफिर 
भटकता रहता है मंजिल की तलाश में सुप्रभात लेखकों।
"हिन्दी हैं हम " के प्रतिस्पर्धियों के लिए Pen n Popcorn लेकर आया है अपना प्रथम चैलेंज - "समय का मानवीकरण " ।
इस चैलेंज में आपको मानवीकरण अलंकार का प्रयोग करते हुए "समय " पर कविता लिखनी है ।
जब प्राकृतिक वस्तुओं जैसे पेड़,पौधे बादल आदि में मानवीय भावनाओं का वर्णन हो यानी निर्जीव चीज़ों में सजीव होना दर्शाया जाए तब वहां मानवीकरण अलंकार आता है। 

हमारा उदाहरण - 
निकला जा रहा है 
हाथों से ऐसे,
akankshagupta7952

Vedantika

New Creator

सुप्रभात लेखकों। "हिन्दी हैं हम " के प्रतिस्पर्धियों के लिए Pen n Popcorn लेकर आया है अपना प्रथम चैलेंज - "समय का मानवीकरण " । इस चैलेंज में आपको मानवीकरण अलंकार का प्रयोग करते हुए "समय " पर कविता लिखनी है । जब प्राकृतिक वस्तुओं जैसे पेड़,पौधे बादल आदि में मानवीय भावनाओं का वर्णन हो यानी निर्जीव चीज़ों में सजीव होना दर्शाया जाए तब वहां मानवीकरण अलंकार आता है।  हमारा उदाहरण - निकला जा रहा है हाथों से ऐसे,