हँसते हैं हम आज (अनुशीर्षक में पढ़ें) हँसते हैं हम आज बचपन बीता हमारा उदासी में ज़िंदगी बीती गमगीन रह कर रोटी के लिए भी संघर्ष किया ना हँसे कभी हम खुलकर अपनी हिम्मत फिर भी ना टूटने दी हमने