Nojoto: Largest Storytelling Platform

शामें गुजरती रहीं, दिन ढलते रहे।। महीने बीतते गये

शामें गुजरती रहीं, दिन ढलते रहे।।
महीने बीतते गये और साल बदलते रहे।।
"वापिस आउंगी मैं" कहकर 
गयी थी वो कुछ बरस पहले।।
और हम ठहरे नासमझ, 
उनका बेसब्री से इंतज़ार करते रहे।।
 #NojotoQuote Madhavi Choudhary Deepika Dubey Nisha Singh Gita Choudhary Sandhya Jhummi
शामें गुजरती रहीं, दिन ढलते रहे।।
महीने बीतते गये और साल बदलते रहे।।
"वापिस आउंगी मैं" कहकर 
गयी थी वो कुछ बरस पहले।।
और हम ठहरे नासमझ, 
उनका बेसब्री से इंतज़ार करते रहे।।
 #NojotoQuote Madhavi Choudhary Deepika Dubey Nisha Singh Gita Choudhary Sandhya Jhummi