तू अगर दोस्त है तो जताता क्यों नही गर दुश्मन है तो खुल के सामने आता क्यों नही ये रोज रोज की पर्देदारी अच्छी नही हुजूर गुलाब है या खंजर है आजमाता क्यों नही ©Sunil Raniawala caption aap de do..