बुनियादी दस्तयाब से आगे की चीज़ है दुनिया तो इक अज़ाब से आगे की चीज़ है उसका सवाल पूछते हैं यार क्या कहूं वो जो मेरे जवाब से आगे की चीज़ है मैं फ़ालतू ही उसके गुणा भाग में रहा वो तो मेरे हिसाब से आगे की चीज़ है तुझको पढूं के तुझको तकूँ कश्मकश में हूँ इक तू है जो किताब से आगे की चीज़ है तुझको है दुःख के तुझको भला कैसे मिल गया मैं खुश हूँ ये खिताब से आगे की चीज़ है है गुल बदन के चाँद से चेहरे पे इक नक़ाब शायद ये तो शबाब से आगे की चीज़ है ©आदर्श दुबे बुनियादी दस्तयाब से आगे की चीज़ है दुनिया तो इक अज़ाब से आगे की चीज़ है उसका सवाल पूछते हैं यार क्या कहूं वो जो मेरे जवाब से आगे की चीज़ है मैं फ़ालतू ही उसके गुणा भाग में रहा वो तो मेरे हिसाब से आगे की चीज़ है