बदनाम करने की मंशा से प्रधानसेवक को, शरम से सर भारत माता का झुकाया है, संविधान के रक्षक सिपाहियों को, गहरी चोट तुमने पहुचाई है , कुछ पाने की चाह में, सत्ता के लालची दरिदों के साथ, है मुखोटा में छुपे नकली किसान, तुमने आज देश को रुलाया है, नहीं करेगा माफ़ न्यायतंत्र तुम्हें, गुनेहगार जो देश के बन चुके हों ©Hiren. B. Brahmbhatt #मंशा #संविधान #चाह #मुखोटा #माफ़ #window