"मन मुताबिक़ कहां होता है" इस जग में सब के सब कुछ मन मुताबिक़ कहां होता है। वही मिलता है जो पहले से, उसके मुकद्दर में लिखा होता है। कोई बिना पसंद के जी लेता है, आंसुओं के घूंट ख़ुशी से पी लेता है। किसी का प्यार कोई भुला नहीं पाता, ज़िन्दगी में चैन की नींद कहां सोता है। ©Anuj Ray #मन मुताबिक़ कहां होता है..