जो कभी रुका नहीं वो खामोश बेठा है दुनिया तबाह करने वाले खुद डरे बेठे है जो रोके नही रुकते थे वो घरों मे छुपे बेठे है खेल भी बडा अजीब निराला है उस खुदा का जो खुद को खुदा समझ बेठे वो दुआ मांग बेठे है जो परमाणु बम से ना डरे वो एक विषाणु से डरे है आया है एक काला शाया विषाणु का रूप धर कर दानव का काल चक्र रोक बेठा है समझ नहीं आता कि किसे जिम्मेदार कहूँ हैं हर कोई यहाँ बेचेंन परेसान इस दानव से किया पृकृति के चक्र से कुछ लोगों ने खिलवाड़ अबकी वारि है अब उस पृकृति की बारी अब यहीं सोच मन व्याकुल हुआ बेठा है केसे थमेगी अब यह महामारी 🤕 मानो बात WHO की करो सफाई हाथो की Mr.Luck 📝 कोरोनो एक महामारी