ताज को तराश कर भी, खुद बे-नूर हूं मैं जो मिनारें बनाईं मैंने, उन्हीं से दूर हूं मैं और ज्यादा मांग लूं गर, मैं दो वक्त की रोटी से.... लोग याद दिला देते हैं, मज़दूर हूं मैं #मज़दूर_दिवस #मज़दूर_दिवस