घूम फिर कर मेरी आँखे तुम्हीं पर आके रुकती है...... मैं ना भी देखना चाहूँ तब भी तुम्ही को देखती है.... .. ना जाने क्यूँ है ऐसा, ना जाने क्यूँ है ऐसा???? मैं जितनी दूरिया रखना चाहती हूं, वो उतनी ही नज़दीकियाँ रखती है. @Versha_Rajvansh घूम फिर कर मेरी #आँखे तुम्हीं पर आके रुकती है...... मैं ना भी #देखना चाहूँ तब भी तुम्ही को देखती है.... .. ना जाने क्यूँ है ऐसा, ना जाने #क्यूँ है ऐसा???? मैं जितनी #दूरिया रखना चाहती हूं,