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जिनको कभी ना देखा था वो पास आ गए, जिनको था दिल स



जिनको कभी ना देखा था वो पास आ गए, जिनको था दिल से चाहा वो दूर हो गए।
जाते ना दूर कैसे जब रब ने लिख दिया, वो फर्ज से लाचार और हम मजबूर हो गए।

वह खुश रहे हमेशा मेरी दुआ है रब से, मैं जी रही अकेली जाने तन्हाइयों में कब से।
अपनों से क्या छुपाऊं मैं राज जिंदगी का,गम में भी हंसना अब मेरे दस्तूर से हो गए।

मिलती है जब कभी भी उनसे मेरी नजर, कुछ सोच कर मैं थाम लेती हूँ मेरा जिगर।
इतना असर है उनकी उस एक निगाह में,लगता है अब तो बस सारे गम दूर हो गए।

बरबादियों के शहर में अब सबसे बड़ी हूँ मैं,सब कुछ लुटा करके इश्क में चल पड़ी हूँ मैं।
किसको सुनाऊँ अपने इश्क की अधूरी दास्ताँ बिन कुछ कहे ही आशिकी में मशहूर हो गए।

चाहते थे जिंदगी अपनी मनमर्जी से गुजारें, बनाकर प्यार को जिंदगी हम जिंदगी संवारे।
हमारी कहानी अधूरी रह गई ख्वाब टूट गए, देते हैं अब वो दिलासा जो हमसे दूर हो गए। ♥️ Challenge-724 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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जिनको कभी ना देखा था वो पास आ गए, जिनको था दिल से चाहा वो दूर हो गए।
जाते ना दूर कैसे जब रब ने लिख दिया, वो फर्ज से लाचार और हम मजबूर हो गए।

वह खुश रहे हमेशा मेरी दुआ है रब से, मैं जी रही अकेली जाने तन्हाइयों में कब से।
अपनों से क्या छुपाऊं मैं राज जिंदगी का,गम में भी हंसना अब मेरे दस्तूर से हो गए।

मिलती है जब कभी भी उनसे मेरी नजर, कुछ सोच कर मैं थाम लेती हूँ मेरा जिगर।
इतना असर है उनकी उस एक निगाह में,लगता है अब तो बस सारे गम दूर हो गए।

बरबादियों के शहर में अब सबसे बड़ी हूँ मैं,सब कुछ लुटा करके इश्क में चल पड़ी हूँ मैं।
किसको सुनाऊँ अपने इश्क की अधूरी दास्ताँ बिन कुछ कहे ही आशिकी में मशहूर हो गए।

चाहते थे जिंदगी अपनी मनमर्जी से गुजारें, बनाकर प्यार को जिंदगी हम जिंदगी संवारे।
हमारी कहानी अधूरी रह गई ख्वाब टूट गए, देते हैं अब वो दिलासा जो हमसे दूर हो गए। ♥️ Challenge-724 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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