पैसा है, मर्तबा है, इज़्ज़त विकार भी है.. नौकर हैं और चाकर,,बंगला भी कार भी है,, ज़र पास है ज़मी है,लेकिन सुकूँ नही है,,, पाने के बास्ते कुछ,,क्या क्या पड़ा गंवाना,, एक वो भी था ज़माना,,एक यह भी है ज़माना,,। #बॉर्डर के उस पार,,