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ख्वाबों में भी टूट जाया करते थें, मेरे ख्वाब ऐसे थ

ख्वाबों में भी टूट जाया करते थें,
मेरे ख्वाब ऐसे थें।
हर रात बेतहाशा रुलाया करते थें,
दर्द बेहिसाब ऐसे थें।
वो मुकद्दर में नहीं थी…
 इस बात का गम था,
मर कर भी सुकून न आए,
 हम बेताब ऐसे थें।

©Aarzoo smriti
  #ख्वाबों में भी टूट जाता करते थें....

#ख्वाबों में भी टूट जाता करते थें....

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