Gujarish hai tujhse bus itni si , Ki mere Jane ke bad bhi in hothon Par muskan sajaye rakhna , Or jo yaad aaye meri tujhko kabhi , To tasvir ko meri Apne Dil se lagaye rakhna . कविता में कोई शब्द केवल अपने शब्दकोशीय अर्थ तक ही सीमित नहीं रहता। उसी तरह इस पंक्ति में 'तुम' का अर्थ भी बहुआयामी है। तुम - प्रेमी-प्रेमिका, ईश्वर, मित्र, संबंधी, अन्य किसी को भी संबोधित करते हुए हो सकता है। आप की गुज़ारिश किससे है? और क्या है? #गुज़ारिश #collab करें #yqdidi के साथ। *मेरी गुज़ारिश आप सभी प्यारे लेखकों से है कि वर्तनी का ध्यान रखें। अभी भी जिन छोटी-छोटी बातों को लेकर मैंने इतने बड़े-बड़े लेख लिखे उस पर आप ख़ास ध्यान नहीं दे रहे। जैसे कि और की, हैं और है