राजनीति में कोई इतना गिर जाता है । अपने ही नागरिकों पर गोली चलवाता है। सच ही कहा जब बुरा वक्त किसी पर आता है पहले विवेक मर जाता है अपनी बात रखने के खातिर वो कुछ भी कर जाता है जीतते ही जो संविधान कानून कि रक्षा की कसम खाते है । हराने के बाद उसी सविधान और कानून को तोड़ जाते है । यह लोकतांत्रिक प्रणाली पर प्रहार है। ऐसे व्यक्तियों का राजनीति में जाने का को ना अधिकार है मर्यादा की सीमा ना तोड़ो , अहिंसा मंत्र हमें यही सिखाता है फिर क्यों आदमी हिंसा पर उतर जाता है जो फैसला जनता ने किया उसी से नाता जोड़ो आने वाली पीढ़ियों के लिए कुछ तो छोड़ो कवि कौटिल्य ©Kavi Pawan Kumar Sharma kautliya मेरी कलम से। #WashingtonDC