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कहतें हैं कि कबीर दास जी अपने जमाने के दोहाकर और र

कहतें हैं कि कबीर दास जी अपने जमाने के दोहाकर और रचनात्मक कवि थे। जितने दोहे उन्होंने लिखे सब सत्यता पर अधारित है।
उनके दो दोहे मुझे बहोत ही पसंद है।
1  बुरा जो देखन मैं चला बुरा मिलिया कोई,
जो दिल खोजा अपनो मुझसे बुरा ना कोई।
2  यह तन कांचा कुंभ है लिया फिरऐ था साथ, ढबका लागे फूट गयो कुछ ना आया हाथ।

©shayar Abhshek कबीर दास जी के दोहे।
कहतें हैं कि कबीर दास जी अपने जमाने के दोहाकर और रचनात्मक कवि थे। जितने दोहे उन्होंने लिखे सब सत्यता पर अधारित है।
उनके दो दोहे मुझे बहोत ही पसंद है।
1  बुरा जो देखन मैं चला बुरा मिलिया कोई,
जो दिल खोजा अपनो मुझसे बुरा ना कोई।
2  यह तन कांचा कुंभ है लिया फिरऐ था साथ, ढबका लागे फूट गयो कुछ ना आया हाथ।

©shayar Abhshek कबीर दास जी के दोहे।
abhishek8032

Abhshek

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कबीर दास जी के दोहे।