है रंग खून का एक समान , फिर क्यों बांटते हो इंसान ? हिंदू मुस्लिम दलित ब्राहमण , ये तो सत्ता का है चुनावी हथियार , गर ये ऊंच नीच कर भगवा पहने , फिर क्यूं श्री राम को शबरी के झूठे बेर हैं खाने ? उनको इंसान नहीं होना है , और हमको मजहबी नहीं होना , बांटने की इस विधि मे हमको शामिल नहीं होना है।। ।। इंसान बनो जनाब हिंदू या मुसलमान नहीं ।। ©लेखकRAI ©Harsh Rai ©writerRai #behuman #loveall #hatepolitics #hindipoetry