Nojoto: Largest Storytelling Platform

क्या लिखूं तुम पर मैं समझ नहीं पाता पर ये सोचता ह

क्या लिखूं तुम पर 
मैं समझ नहीं पाता
पर ये सोचता हूं
 कि जैसे चेनाब हो तुम
धलता सा कोई ख्वाब हो तुम
मिल तो जाओगी ही
पर न पा सकूं जिसे ऐसा एक अधूरा राज़ हो तुम
क्या कहूं तुम्हें हवा का
 इक झोका भी
मैं समझ नहीं पाता
यूं तो सच नहीं कहती
पर अक्सर जता देती हो
मनो खुद में ही खुद को छुपा लेती हो तुम
खुली किताब सी दिखती हो
पर असल में मृगत्रशना की रेत सी तुम
मैं समझ नहीं पाता
जो खुद लिखती हो ये जहां- ए -हर्फ!
क्या लिखूं मैं उसपे ही
ये समझ‌ नहीं पाता
मैं समझ नहीं पाता!!!! लिखूं कैसे मैं उसपे कुछ!!!
#yqbaba #yqdidi #she #cant #describe #day #love
क्या लिखूं तुम पर 
मैं समझ नहीं पाता
पर ये सोचता हूं
 कि जैसे चेनाब हो तुम
धलता सा कोई ख्वाब हो तुम
मिल तो जाओगी ही
पर न पा सकूं जिसे ऐसा एक अधूरा राज़ हो तुम
क्या कहूं तुम्हें हवा का
 इक झोका भी
मैं समझ नहीं पाता
यूं तो सच नहीं कहती
पर अक्सर जता देती हो
मनो खुद में ही खुद को छुपा लेती हो तुम
खुली किताब सी दिखती हो
पर असल में मृगत्रशना की रेत सी तुम
मैं समझ नहीं पाता
जो खुद लिखती हो ये जहां- ए -हर्फ!
क्या लिखूं मैं उसपे ही
ये समझ‌ नहीं पाता
मैं समझ नहीं पाता!!!! लिखूं कैसे मैं उसपे कुछ!!!
#yqbaba #yqdidi #she #cant #describe #day #love