वह एक नन्हा सा पौधा था मां ने जन्मा था उसे वह आंखें खोल ना पाया था मां बाप का साया उठ चला वह फिर भी मुस्काया था हां वो एक नन्हा सा पौधा था जन्मा किसी और ने दूध किसी और ने पिलाया था शरीर उसका था पर लिबाज किसी और का चढ़ाया था आंखें खुली तो देखा दुनिया उसकी यही है वह नहीं जान पाया यह संसार पर आया था हां वह एक नन्हा सा पौधा था दूसरों के सहारे पला बढ़ा फिर उसका बचपन आया था कौन अपना कौन पराया नहीं जानता था उसने सबको ही अपनाया था दूसरों को खुश देख वह भी खिलखिलाया था क्योंकि वह एक नन्हा सा पौधा था khayalo_ka_sayar vk ik nanha sa paudha tha...✍️ #FathersDay