जब में छोटा सा था तब मेने अपनी जिंदगी में अपने माँ बाप के सिवा कोई प्यार करने वाला नहीं देखा था लेकिन जेसे जेसे बडा होता गया तो में जिस किसी को भी देखता था वो तो मेरे लिए एक अजनबी जेसा ही था पर नही पता था कि एक दिन वो अजनबी ही मेरे जिंदगी का साथी बन जायगा हा मे उसी दोस्त की बात कर रहा हूँ जो मुझे जान केहके बुलाता है। दोस्त प्यार की एक मिशाल है।