वक्त रोकना चाहा था, कुछ पल साथ बीत जाते। पर तुम्हें रोक न सके, और वक़्त ठहर न पाया। कुछ कमी रह गयी 'नेह' में, जो समर्पण हो न पाया। कुछ कहने को शब्द न मिले, और तुमको पल भर भी न रोक पाया। वक़्त रोकना चाहा था... #चाहाथा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #drnehagoswami