क़ुदरत के दस्तूर से ज़रा मजबूर हैं वर्ना साथ रहने का हमें भी कोई शौक़ नहीं है ज़रा देखभाल के उलझो हमसे हुस्न ऐ गुलिस्ताँ क्यूँकि काटों को मुरझाने का कोई ख़ौफ़ नहीं है #nojoto #nojotohindi #nojotoquotes #quotes #kavishaala #writerinme #Dilse