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My Gazal as comment on This gazal (Read it in ca

My Gazal as comment on This gazal 

(Read it in caption) मेरी उल्फ़त को बाज़ीच-ए-अत्फ़ाल समझता है वो।
गर करता कभी फ़िक्र उसकी सवाल समझता है वो।

(उल्फ़त को बाज़ीच-ए-अत्फ़ाल समझना आम है अब,
फिक्र करना सिर्फ नुमाइशी का दूसरा नाम है अब।)

उसे फ़र्क़ नही पड़ता मेरे दिल का हाल क्या है यारों,
मैं उसकी कैफ़ियत भी पूछूं तो बवाल समझता है वो।
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(Read it in caption) मेरी उल्फ़त को बाज़ीच-ए-अत्फ़ाल समझता है वो।
गर करता कभी फ़िक्र उसकी सवाल समझता है वो।

(उल्फ़त को बाज़ीच-ए-अत्फ़ाल समझना आम है अब,
फिक्र करना सिर्फ नुमाइशी का दूसरा नाम है अब।)

उसे फ़र्क़ नही पड़ता मेरे दिल का हाल क्या है यारों,
मैं उसकी कैफ़ियत भी पूछूं तो बवाल समझता है वो।

मेरी उल्फ़त को बाज़ीच-ए-अत्फ़ाल समझता है वो। गर करता कभी फ़िक्र उसकी सवाल समझता है वो। (उल्फ़त को बाज़ीच-ए-अत्फ़ाल समझना आम है अब, फिक्र करना सिर्फ नुमाइशी का दूसरा नाम है अब।) उसे फ़र्क़ नही पड़ता मेरे दिल का हाल क्या है यारों, मैं उसकी कैफ़ियत भी पूछूं तो बवाल समझता है वो। #YourQuoteAndMine #ye_mera_wala_ishq_hai #अमर्ष_राज_अमर्ष #aao_ishq_sikha_dun #yq_walon_ishq_padho #सचिन_रत्नपारखे_राही #ishq_mai_tum_aur_shab #ye_ishq_ishq_jaisa_kahan