मन- मस्तिष्क जुबां पर आने से पहले शब्द मन में हुंकार भरे। अावाज इन्हे मिलती नहीं झूट से ये डरे डरे। तू अकेला, तू है तन्हा पर भीड़ से तू है परे। मन मस्तिष्क की रंजिश में तू क्यो खुद से ही लड़े।। मन मस्तिष्क