ताश के पत्तों का इक्का बन बैठा जिंदगी का सिक्का सबकी ही जिंदगी को अपना गुलाम बना कर रखा। कभी जिंदगी की बाजी में जीतता कभी हार जाता। कभी राजा को रंक और रंक को राजा बना देता। कभी जिंदगी का सिक्का खोटा सा लगने लग जाता। कभी यही खोटा सिक्का हारी बाजी को जीत दिलाता। एक अकेला इक्का इतराता, चार इक्के होते है ताश में भूल जाता। पर जब चाल खुदा के हाथ में हो तो है कोई कुछ न कर पाता। #challengeno24 #collabwithtsom #the_speed_of_motivation 👉collab करने से पहले हमारे नियम और शर्तों को पिन 📌पोस्ट पर पढ़ें ! 👉 8 पंक्तियों के साथ collab करें ! 👉 collab करने के बाद कमेंट बॉक्स में 55555 लिखें !