नही चाहिये वो मन... जिसमे तुम्हारे प्रेम की सरिता नही बहती....... नही चाहिये वो मन..... जो तेरे ख्यालो को छोड़ कही और भटक जाये.... नही चाहिये वो मन..... जिसमे तुमसे दूर जाने का जरा भी एहसास हो...... मुझे तो चाहिये एक ऐसा मन... जो सदा ही डूबा रहे प्रेम के सरोवर में तुम्हारी चाहत में तुम्हारे एक एक एहसास में.... मुझे चाहिये एक ऐसा मन.... जो तुम्हारे सिवा कुछ भी ना चाहे...... जो तुम्हारे सिवा एक शून्य हो जाये..... ©anil dua #Love #अनिल_दुआ_अन्नू #Thoughts