आदमी में गहराई मूर्ख और मुड़ता पैदा हो जाती है और तब वह जानते हुए भी नहीं जानता देखते हुए भी नहीं देखता उसमें बुराई और भले कभी भी एक ही समाप्त हो जाता है और तब वह ना कर कर योग्य कार्य भी कर लेता है इसलिए संतों ने कहा है कि हमें स्वयं से खूब संवाद करना चाहिए इससे हमें परमात्मा से जुड़ने में मदद मिलती है ©Ek villain #dharmendra इससे हमें परमात्मा से जुड़ने में मदद मिलती है