White भगवान प्रत्येक वस्तु के पात्र है प्रत्येक वस्तु उनसे उत्पादक है उनके ही द्वारा पलीत है और प्रलय के बाद प्रत्येक वस्तु उन्हें में समा जाती है अंत है वह ही वर्ण आश्रम व्यवस्था के पात्र है जिसमें सर्वप्रथम बुद्धिमान मनुष्यों का वर्ग आता है जो सातों गुनी होने के कारण ब्रह्मांड कहलाते हैं द्वितीय वर्ग प्रशासन वर्ग का है जिसमें रजोगुणी होने के कारण क्षत्रिय कहा जाता है वर्णिक वर्ग या वैद्य कहलन वाले लोग राज्यों तथा तमोगुण के मिश्रण से युक्त होते हैं और शूद्र या श्रमिक वर्ग के लोग तमोगुड़ी होते हैं ©Ek villain #bhgawan motivational thoughts for students