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Sometimes मैं भूल जाऊं तुम्हें अब यही मुनासिब है ।

Sometimes मैं भूल जाऊं तुम्हें अब यही मुनासिब है ।
 
मैं भूल जाऊं तुम्हें अब यही मुनासिब है । 
मगर भुलाना भी चाहूँ तो किस तरह भूलें । 

कि तुम तो फिर भी हकीकत हो , कोई ख्वाब नहीं
 यहाँ तो दिल का ये आलम है क्या कहूँ 

कमबख्त भुला सका न ये वो सिलसिला जो था ही नहीं 
वो इक ख़याल जो आवाज़ तक गया ही नही 

वो एक बात जो मैं कह नहीं सका तुम से
 वो एक रब्त जो हम में कभी रहा ही नहीं

 मुझे है याद वो सब जो कभी हुआ ही नहीं ' 
अगर ये हाल है दिल का तो कोई समझाए 

तुम्हें भुलाना भी चाहूँ तो किस तरह भूलें 
कि तुम तो फिर भी हकीकत हो कोई ख्वाब नहीं Sanjna Aarya ,⭐Shivangi Mishra💓 aman6.1⭐ Sanjay Sanju Panwar⭐ Peehu Kashyap  🙏🙏🙏
Sometimes मैं भूल जाऊं तुम्हें अब यही मुनासिब है ।
 
मैं भूल जाऊं तुम्हें अब यही मुनासिब है । 
मगर भुलाना भी चाहूँ तो किस तरह भूलें । 

कि तुम तो फिर भी हकीकत हो , कोई ख्वाब नहीं
 यहाँ तो दिल का ये आलम है क्या कहूँ 

कमबख्त भुला सका न ये वो सिलसिला जो था ही नहीं 
वो इक ख़याल जो आवाज़ तक गया ही नही 

वो एक बात जो मैं कह नहीं सका तुम से
 वो एक रब्त जो हम में कभी रहा ही नहीं

 मुझे है याद वो सब जो कभी हुआ ही नहीं ' 
अगर ये हाल है दिल का तो कोई समझाए 

तुम्हें भुलाना भी चाहूँ तो किस तरह भूलें 
कि तुम तो फिर भी हकीकत हो कोई ख्वाब नहीं Sanjna Aarya ,⭐Shivangi Mishra💓 aman6.1⭐ Sanjay Sanju Panwar⭐ Peehu Kashyap  🙏🙏🙏