शहर में आकर पढ़ने वाले ये भूल गये, कि किसकी माँ ने कितने जेवर बेचे थे, बस दिखावे कि जिन्दगी जीते हैं, महंगा फोन ब्रांडेड जूते कि हमसे अमीर कोई नहीं, अरे उन माँ बाप से पूछो जिनके हाथों कि लकीरें मिट गई मेहनत करते करते तुम्हे फर्क कोई नही,, ©Teरa PरeeT Saकshi #Mom_Dad Hisamuddeen Khan 'hisam'