पंख न हों तो उड़ने की कोशिश मत कीजिए। तरक्की पैदल चलने वाले भी करते हैं। जब जिंदगी और सपनों के बीच में मोल-भाव चल रहा हो तो सपने बेच डालिए,मगर जिंदगी नही। जिंदगी रही है सपने फिर से खरीद लेंगे। ।।हर्षित राजस्थानी।। ©Harshit Rajasthani Official #seashore