इश्क़ कहता है तूँ बिन मौत मर जाएगा मुझे कोसेगा इल्ज़ाम मुझ पर लगाएगा, ना कर यह दिल्लगी जो मर्ज बन जाएगी छूट कर दामन तेरा काटों में फंस जाएगा, फिर न कहना के अब सीने में दर्द उठता है मुहब्बत चीज़ है ऐसी फिर कर पछताएगा, कतार लम्बी हो चली आजकल शायरों की तू भी इक दिन इस में शामिल हो जाएगा, ©Harish Chander इश्क़ कहता है तूँ बिन मौत मर जाएगा मुझे कोसेगा इल्ज़ाम मुझ पर लगाएगा, ना कर यह दिल्लगी जो मर्ज बन जाएगी छूट कर दामन तेरा काटों में फंस जाएगा, फिर न कहना के अब सीने में दर्द उठता है मुहब्बत चीज़ है ऐसी फिर कर पछताएगा,