फ़िक्र तो तेरी आज भी करते है हम, पता है मुझको हमारा साथ मुमकिन नहीं फिर भी फिक्र तेरी हर पल में रहती है। याद आता है तेरा बच्चे सा फूट - फूट कर रोना, रोते रोते मेरे कांधे पर सर टिका देना, सोचते सोचते मेरा दिल परेशान हो उठता है, किससे कहता होगा ?वो कही - अनकही बातें जो सिर्फ मुझसे कहता था । और तू अपना ख्याल रखने में भी लापरवाह है ,कौन तुझे वक्त पर याद दिलाता होगा, अक्सर तू मुझसे गुस्से में कहता मैं बहुत दूर चला जाऊँगा सबसे ,नहीं रहना मुझे किसी के साथ । अब जब तू जा चुका है रह रह कर तेरी ही फिक्र में लव मेरे दुआ पढ़ते हैं तेरी सलामती की #तेरी_फिक्र