मैं समंदर हूँ, मुझे शांत देखकर तुम मेरी गहराई का अंदाजा ना लगा पाओगे। जान ना पाओगे मेरी गहराई तब तक तुम, जब तक खुद मुझमें न डूब जाओगे। तुम्हारी नफरत की तपिश कितनी भी तेज क्यों ना हो, तुम मुझे सुखा ना पाओगे। हम गर ना मिटना चाहेंगे तेरे प्यार में तो, हमको तुम क्या हम भी मिटा ना पाएंगें। #Contest11 (Hindi/उर्दू) 💌प्रिय लेखक एवं लेखिकाओं, कृपया अपने अद्भुत विचारों को कलमबद्ध कर अपनी लेखनी से चार चांँद लगा दें। 🎀 उपर्युक्त विषय को अपनी रचना में अवश्य सम्मिलित करें 🎀 चार से छह पंक्तियों में अपनी रचना लिखें,