Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं आसमान को घूरता रहा रात भर, न जाने क्यों एक तार

मैं आसमान को घूरता रहा रात भर,
न जाने क्यों एक तारा अपना सा लगा। दादा के याद में।
मैं आसमान को घूरता रहा रात भर,
न जाने क्यों एक तारा अपना सा लगा। दादा के याद में।
farhankhan9164

Ferhan Diwan

New Creator