जय श्री राम 🙏
जैसे उपवन में महकते हुए पुष्प का स्पर्श पाकर हवा का झोका आनंदित होकर झूम उठता है, वैसे ही भाई राघव शुक्ल जी के गीतों का स्पर्श पाकर मन आनंदित होकर झूम उठता है। सहज व्यक्तित्व एवं असाधारण साहित्यिक प्रतिभा के धनी भाई राघव शुक्ल जी का एक गीत आप सभी के बीच ....
रो लेते हैं राम तुम्हारी मूरत के आगे ....
✍️ राघव शुक्ल (लखीमपुर-खीरी) #Poetry