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एक ज़रा से आशु ने खोल दिए हमारे गम के सारे राज़, जिन

एक ज़रा से आशु ने खोल दिए
हमारे गम के सारे राज़,
जिन्हे न जाने हमने कब से 
अपनी पलकों में छुपाये रखे थे
रात के भीगे आंचल तले, 
छोटे छोटे हज़ारो गम अपना
लिए बैठे थे..
ख्वाहिशो की उमंगो तले सारी, 
आरजू दबाये बैठे थे..
दिल के भारी किवाड़ों के परली 
तरफ कई चेहरे है जाने से पहचाने से, 
कई चेहरे है अनजाने अनजाने से 
ये कैसा पड़ाव है इस रात का, 
न चैन है न नींद है..
एक ज़रा से आँशु ने..


 #रातकाअफ़साना  #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi #सुचितपाण्डेय #suchitapandey
एक ज़रा से आशु ने खोल दिए
हमारे गम के सारे राज़,
जिन्हे न जाने हमने कब से 
अपनी पलकों में छुपाये रखे थे
रात के भीगे आंचल तले, 
छोटे छोटे हज़ारो गम अपना
लिए बैठे थे..
ख्वाहिशो की उमंगो तले सारी, 
आरजू दबाये बैठे थे..
दिल के भारी किवाड़ों के परली 
तरफ कई चेहरे है जाने से पहचाने से, 
कई चेहरे है अनजाने अनजाने से 
ये कैसा पड़ाव है इस रात का, 
न चैन है न नींद है..
एक ज़रा से आँशु ने..


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Collaborating with YourQuote Didi #सुचितपाण्डेय #suchitapandey