न साथ हो नदी किनारों सा, कि साथ चलें और मिले नहीं, न साथ हो कृष्ण राधिका सा, कि प्रेम पगे पर कहें नहीं। मेरा साथ हो कृष्ण रुक्मिणी सा, पूरे भी हों पूरक भी हों, मेरा प्रेम रहे महीधर जैसा, कि सधे भी हों साधक भी हों। नील ❣️ ©Neel कृष्ण रुक्मिणी 🍁 #togetherforever